मन के बात कहे द ए मितवा
मन के बात कहे द !.............!!
दुपहरिया में रात भइल बा
मौसम से कुछ घात भइल बा
खेत -बधार सुखाइल जाता
अंगना में बरसात भइल बा
भीतर झंझावात उठल बा
बाहर बांध ढहे द ........!
ए मितवा ! मन के बात कहे द ..........!!
सबके हाल बेहाल भइल बा
साँच उचारल काल भइल बा
के केकरा से पूछे जाए
सउँसे शहर सवाल भइल बा
मरण-दूत ललकार रहल बा
अमर -पिनाक गहे द .......!
ए मितवा ! मन के बात कहे द
ए मितवा ! मन के बात कहे द ............!!
.......पवन श्रीवास्तव