आहटें फिर से आने लगी हैं
कोशिशें सुगबुगाने लगी हैं
कोई आवाज देने लगा है
चुप्पियाँ गुनगुनाने लगी हैं
कोई हलचल है सागर के तल में
कश्तियाँ डगमगाने लगी हैं
आपको छू के गुजरी हवाएं
अब मुझे गुदगुदाने लगी हैं
देखना कोई आंधी उठेगी
चीटियाँ घर बनाने लगी हैं
मेरी आवारगी के तजुर्बे
पीढियां आजमाने लगी हैं
-----पवन श्रीवास्तव
देखना कोई आंधी उठेगी
जवाब देंहटाएंचीटियाँ घर बनाने लगी हैं
bahut umdaa !
pawan bhaiya bahoot khoob
जवाब देंहटाएंआपको छू के गुजरी हवाएं
जवाब देंहटाएंअब मुझे गुदगुदाने लगी हैं
सुन्दर!