कल्पना !
अस्वीकार से जनमती है .
अस्वीकार !
ऊर्जा के ऊफान से निकलता है.
ऊर्जा और प्रज्ञा के व्याघात हैं विचार ..........
विचार !
कल्पना नहीं है .
कल्पनाएँ !
आदमी का साथ छोड़ने लगें
तो, प्रलय है.......
फिर महाप्रलय की कल्पना .
फिर नई सृष्टि की कल्पना.......
कल्पना !
तेरे बाँए अनंत अर्ध-विराम हैं.,,,,,,......
तेरे दाएँ कोई पूर्ण-विराम नहीं ...............
......पवन श्रीवास्तव
अस्वीकार से जनमती है .
अस्वीकार !
ऊर्जा के ऊफान से निकलता है.
ऊर्जा और प्रज्ञा के व्याघात हैं विचार ..........
विचार !
कल्पना नहीं है .
कल्पनाएँ !
आदमी का साथ छोड़ने लगें
तो, प्रलय है.......
फिर महाप्रलय की कल्पना .
फिर नई सृष्टि की कल्पना.......
कल्पना !
तेरे बाँए अनंत अर्ध-विराम हैं.,,,,,,......
तेरे दाएँ कोई पूर्ण-विराम नहीं ...............
......पवन श्रीवास्तव
कल्पना ना हो तो कुछ भी नहीं ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
तेरे बाँए अनंत अर्ध-विराम हैं.,,,,,,......
जवाब देंहटाएंतेरे दाएँ कोई पूर्ण-विराम नहीं ...............सुन्दर रचना....
वाणी गीत और सुषमा आहुति !धन्यवाद् !
जवाब देंहटाएं