दिन गुजरने का मसला तो हल हो गया
तुम कथा हो गई मैं गजल हो गया
मैनें रोजी कमाई न रोजे रखे
देखते-देखते आज कल हो गया
एक पल को ठिठक सी गईं पुतलियाँ
कोई ऐसा मेरे साथ छल हो गया
इसके पहले कि मेरा बयां दर्ज हो
फैसला भी हुआ और अमल हो गया
.....पवन श्रीवास्तव .
इसके पहले कि मेरा बयां दर्ज हो
जवाब देंहटाएंफैसला भी हुआ और अमल हो गया
यही तो न्याय व्यवस्था है. बयां दर्ज होने के पहले ही फैसला सुना दिया जाता है. और लागू भी कर दिया जाता है. अच्छा शेर है. ग़ज़ल मुकम्मल है. बधाई!
---देवेंद्र गौतम