कुछ भी मेरे पास नहीं है
कोई तजुर्बा खास नहीं है
आपके इस अंदाजे-बयाँ में
बात तो है एहसास नहीं है
बैरागी बनने की कोशिश
कोशिश है ,सन्यास नहीं है
एक ही घर में चुप-चुप रहना
साथ तो है ,सहवास नहीं है
लेकर,लिखना,लिख कर देना
मुझको ये अभ्यास नहीं है
कोई तजुर्बा खास नहीं है
आपके इस अंदाजे-बयाँ में
बात तो है एहसास नहीं है
बैरागी बनने की कोशिश
कोशिश है ,सन्यास नहीं है
एक ही घर में चुप-चुप रहना
साथ तो है ,सहवास नहीं है
लेकर,लिखना,लिख कर देना
मुझको ये अभ्यास नहीं है
......... पवन श्रीवास्तव
बहुत सुंदर अभिवयक्ति....
जवाब देंहटाएंBhaiya Pranam,
जवाब देंहटाएंShabd bejuban hai kuchh kahun to kaise. Bus, itna ki bahut achha laga, bahut kam hai. ye panktiyan apake karib hone ka ahsas dilati hai.
Rajiv Ara, Bihar /New Delhi
Kya Bat=Jamane ke bahut ter khaye hai hum,
जवाब देंहटाएंKhairat Jo deta wahe lutta bhi hai.