मैं लिखना चाहता हूँ एक कविता
ताजा -तरीन ,सर्वथा नवीनजो,गांडीव की टंकार-ध्वनि की सवारी कसे
और संपूर्ण मिथ्यांचल पर मारण-मंत्र की तरह
मंडराती रहे ....
लेकिन , मैं यह भी जानता हूँ
कि,मुझे प्रतीक्षा करनी होगी
तब तक
जब तक कि मेरे खुद के बोए
शब्द-बीज !अंकुरित,पल्लवित ,पुष्पित
और फलित न हो जाएँ
..............पवन श्रीवास्तव .
सुंदर अभिवयक्ति...
जवाब देंहटाएंsushma ahutiji aabhar
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिवयक्ति...
जवाब देंहटाएंआपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.
लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
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bahut sunder
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